गुरुवार, 10 मई 2012

हिन्दी से उन्नति

अंग्रेजी सीखने में कोई हर्ज नहीं है पर हिन्दी के बिना गुजारा नहीं है। देश को अंग्रेजों ने गुलाम बनाया। हिन्दी ने सबको जोड़ कर आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज लोग सोचते हैं कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं चल सकता। गलत है। अंग्रेजी का प्रयोग हमें आज भी मानसिक रूप से गुलाम बनाये हुए है। 

भ्रांति से बाहर निकल आओ। देश का संविधान आपको हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। और क्या चाहिए। जर्मनी वाले जर्मन में बात करते हैं, फ्रांस वाले फ्रांसीसी में, जापान वाले जापानी में, चीन वाले चीनी में, रूस वाले रूसी में, आदि आदि। ये सब देश विकसित हैं अपनी भाषा के दम पर। तो हम अब तक आगे क्यों नहीं बढ़ पाये। क्योंकि हम मानसिक रूप से अंग्रेजी के गुलाम हैं। तोड़ दें इन गुलामी की जंजीरों को। हिंदी को हर कामकाज में अपनायें। देश की प्रगति में अपना दायित्व निभायें। इसी में आपकी और सबकी उन्नति है। 

- हेमंत कुमार दुबे