शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2015

First in India and World Solar PV on Train

https://youtu.be/2lvBA6Wozok

India has started a new chapter in renewable energy on 15th October 2015, the birthday of Dr.  Kalam.  It has started Climate Action Special  -  Science Express Train that will cover 20 states and give knowledge about conservation of environment through use of Science and Technology.

This train has flexible Solar Photovoltaic Panels manufactured in India for the first time by the pioneer company of Solar PV in India - Central Electronics Limited, a government of India,  Dept of Science and  Technology CPSU. 

Here is an exclusive video of Solar Train entering Safdarjung Railway Station, New Delhi.  This train will be at platform no. 3 of Safdarjung Railway Station, New Delhi for 2 more days and then move to other destinations in its journey covering 20 states imparting knowledge.. Video, photos and related news is at  https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=919510021438218&id=223886157667278

Feedback and questions are welcome.

Best regards, 
Hemant Kumar Dubey

सेन्ट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स ने रचा इतिहास CEL creates history

साइंस एक्सप्रेस के क्लाइमेट एक्शन स्पेशल ट्रेन पर सेन्ट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के सोलर पैनलों से तीन कोचों को बिजली मिल रही है। कार्बन क्रेडिट देने के साथ-साथ यह पर्यावरण संरक्षण के लिए एक कारगर तरीका भी है। भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र की प्रथम कंपनी सेन्ट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने सोलर ट्रेन के साथ 15.10.2015 को भारत ही नहीं वरन् विश्व में एक नये अध्याय की शुरुआत की है।

- हेमंत कुमार दुबे

Central Electronics Limited's solar photovoltaic panels/modules are generating electricity for 3 coaches in the Science Express' Climate Action Special train. This will not only earn carbon credits but also prove to be a practical and effective method for environment conservation. Central Electronics Limited which is the first company in India to start Solar PV has started a new chapter in Solar PV scenario of not only India but the world.

- Hemant Kumar Dubey

गुरुवार, 10 मई 2012

हिन्दी से उन्नति

अंग्रेजी सीखने में कोई हर्ज नहीं है पर हिन्दी के बिना गुजारा नहीं है। देश को अंग्रेजों ने गुलाम बनाया। हिन्दी ने सबको जोड़ कर आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज लोग सोचते हैं कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं चल सकता। गलत है। अंग्रेजी का प्रयोग हमें आज भी मानसिक रूप से गुलाम बनाये हुए है। 

भ्रांति से बाहर निकल आओ। देश का संविधान आपको हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। और क्या चाहिए। जर्मनी वाले जर्मन में बात करते हैं, फ्रांस वाले फ्रांसीसी में, जापान वाले जापानी में, चीन वाले चीनी में, रूस वाले रूसी में, आदि आदि। ये सब देश विकसित हैं अपनी भाषा के दम पर। तो हम अब तक आगे क्यों नहीं बढ़ पाये। क्योंकि हम मानसिक रूप से अंग्रेजी के गुलाम हैं। तोड़ दें इन गुलामी की जंजीरों को। हिंदी को हर कामकाज में अपनायें। देश की प्रगति में अपना दायित्व निभायें। इसी में आपकी और सबकी उन्नति है। 

- हेमंत कुमार दुबे

गुरुवार, 25 अगस्त 2011

Satyagrah against rulers turned looters of India

Shri Anna Hazare - the Gandhi of today

Shri Anna Hazare, a Gandhian, who has found support from the massed regarding his Satyagrah or Movement against Corruption said during the night of 24th August 2011, "We were of the view that there were some good people in the Congress but all looters have now come together in the Congress and the country has no future in the hands of such people."  He remarked this after his team of activists' talks with the Indian Govt. about presenting the Janlokpal Bill in the Parliament failed.

The Congress is indeed a pack of looters with no morals. The poor people of India voted them in power in expection that this party will lead the country and help it in becoming the strongest economy in the world. The citizens believed that this party would bring an end to their suffering. But the fact is different. This party which has looted the country since Independence, looted all the more. New and bigger scams have come up and public's hard earned money has been wasted and looted by the corrupt politicians who are in power. The rulers have become looters.

It is beyond doubt that the Congress bought votes of the poor citizens of India through the money that they had looted during earlier years. They distributed money, alcohol and snacks in juggies to get support of the poor people during the election. Congress' politicians promote the illegal migrants (particularily Bangladeshies) and help them attain Indian Citizenship so that their vote bank may increase. They have divided our country in the name of religion and caste. They have corroborated with foreign countries and bought the media to shut the mouth of the opposition parties and now also the public which is demanding rooting-out of corruption. They are working hand in glove with MNCs and foreign countries to demoralise the Indian public by castigating the saints of India.

Congress, the ruler for the maximum period post-independence, has looted India since independence and stacked the looted money in Swiss Banks. Now when the mass movement against corruption has started these people are uncomfortable and disturbed. They fear that their corrupt rule would come to end and punishments would be metted to them.

The corrupt politicians are now playing the card of Constitution and Parliament little realising that the Constitution was made by the people and is for the people. The Parliament is also by the people and for the people. Constitution and Parliament are not in trouble by the peaceful movement of Shri Hazare rather corrupt politicians are in trouble. 

Politicians should not try to divert attention of public by false alarms. If they do, their regime would not last long. The public knows all. The public has come out in the streets and the powerful slogan 'Vande Matram' is echoing in every nook and corner. Politicians should prove that they are clean by showing respect to the verdict of the mass by adopting the Janlokpal Bill.  

The political parties like the BJP, CPI, BJD, RJD, RLD, NCP  and other who are either in govt. or the opposition in Parliament should welcome the Janlokpal Bill and come out in open in support of it. This act only would prove that they are not corrupt and are  willing to be probed under the Janlokpal Bill. The public or the civil society has expections from these parties that they would come out in support of Annna.

(The views expressed by me here are after reading a news titled "Jan Lokpal Bill: Doctors express concern; Anna loses six kgs" on Economics Times website.)

रविवार, 19 जून 2011

अन्ना हजारे जी की मांग क्या ज्यादे है?

अन्ना हजारे जी का कहना कि प्रधान मंत्री को लोकपाल बिल के अंतर्गत लाना चाहिए बिलकुल ठीक है | देखा जाय तो उनकी यह मांग आम जनता और श्री रामदेव जी की मांगों के सामने कुछ भी नहीं है | अन्ना गलत क्या मांग रहे है | प्रधान मंत्री भी एक इंसान हैं, एक राजनेता है | आज के परिपेक्ष में देखें तो तत्कालीन प्रधानमन्त्री  भ्रष्ट लोगों को चुप रहकर समर्थन दे रहे है, बचा रहे हैं | इससे साफ़ जाहिर होता है की वे आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए है | अन्यथा उनको किस का डर|

फिर यहाँ बात एक प्रधान मंत्री की नहीं है | भविष्य में आने वाले प्रधान मंत्रियों की भी है | यह एक कड़वा सच है कि आज के समय में राजनीति एक धंधा है जिसमे लोग पैसा और समय खर्च कर रहे हैं ताकि मंत्री, सांसद या विधायक बन कर ढेर सारा पैसा कम समय में बना सकें | इसलिए किसी को भी लोकपाल बिल के दायरे से बाहर रखना खतरनाक है देश के लिए | किसी को भी इस लिए छोड़ देना कि वह जब-तक सत्ता में है सजा का हकदार नहीं है गलत होगा, देश के हितों के साथ अन्याय होगा | ऐसे तो हर कोई किसी न किसी बहाने रियायत मांगेगा |

कितने दुःख की बात है की उत्तर भारत के सांसद और मंत्री संसद में हिंदी जानने से इनकार करते हैं | बाबा रामदेव जी का हिंदी में लिखा हुआ उनको पढ़ने में नहीं आता है | यह तो राष्ट्रभाषा हिंदी का अपमान है | आज कौन ऐसा राज्य है जिसमे हिंदी की शिक्षा नहीं दी जाती है ? किसी न किसी स्तर पर हिंदी अवश्य पढाई जाती है | फिर हमारे राजनेता हिंदी नहीं जानने का नाटक क्यों करते हैं ? ऐसे लोगों को सांसद बने रहने का कोई अधिकार नहीं है जो राष्ट्रभाषा न जानते हों |

भा.ज. पा. या आर. एस. एस. अगर रामदेव जी या हजारे जी का समर्थन करती हैं तो इसमें क्या गलत है? क्या आजाद हिंदुस्तान में राजनीतिक पार्टियां खुल कर सही बात का समर्थन नहीं कर सकती ? क्या उनका भ्रष्टाचार के विरुद्ध बोलना और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वालों का साथ देना गलत है ? भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और हर किसी को बोलने का अधिकार है | जब कसाब और अजमल जैसे देशद्रोहियों को पालने का जिम्मा सरकार ने ले रखा है तो क्या आम जनता के लोग और सरकार की विरोधी पार्टियां चुपचाप देखती रहें | सरकार दमनकारी नीति अपनाये, लोगों को आधी रात में मारे, शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर रोक लगाये तो क्या सब लोग चुप रहे| उफ़ तक न कहें| ऐसे तो हम फिर से गुलाम हो जायेंगे | हो जायेंगे कहना भी गलत है - हो गये है कहना सही है | कांग्रेस-यूपीए शासित सरकार की गुलामी से देश शीघ्र ही नहीं निकला तो वह दिन दूर नहीं दिखता जब एक बार फिर विदेशी ताकतें पूरी तरह से देश पर हावी हो जाएँगी |

जो मीडिया और मीडिया के लोग आज विदेशी पैसे के बल पर सरकार के साथ खडे हैं  उन्हें भी यह बात समझ लेनी चाहिए कि देशहित को सर्वोपरि रखना ही उनके हित में है | स्वतंत्रता पूर्व ब्रिटिशरों का साथ देने वालों देश के गद्दारों का जो हाल हुआ वही हाल उनका और उन सभी का होगा जो भारत माँ के साथ धोखा और गद्दारी करेंगे | भ्रष्टाचार का अंत निकट है अतः श्री हजारे और उनके साथियों पर अनर्गल आरोप लगाने से भ्रष्टाचारी और उनके समर्थक बाज आयें अन्यथा देश की जनता देर-सबेर न्याय करेगी ही |
कृपया देश के बारे में सोचें, अपने कर्म अच्छे करें |

जय हिंद !

रविवार, 5 जून 2011

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग - अन्ना हजारे, बाबा रामदेव और राजनीति

अन्ना जी अगर महात्मा गाँधी के प्रतिरूप हैं तो बाबा रामदेव जी सुभाष चंद्र बोस के | बाबा रामदेव ने अन्ना हजारे जी की भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के काम को आगे बढ़ाया है हाईजैक नहीं किया है | कार्यप्रणाली में अंतर तो होना ही है |  अन्ना जी के जंतर मंतर पर हुए सत्याग्रह में थोड़े लोग ही पहुँच पाए थे की सरकार घबरा गयी और वादे कर के सत्याग्रह को स्थगित करा दिया | दिल्ली के प्रसिद्ध रामलीला मैदान में बाबा रामदेव ने योग शिविर शुरू कर भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्याग्रह करने का कदम उठाकर ने क्या गलत काम किया है? बाबा रामदेव जी कितने दिनों से कह रहे थे कि उनका सत्याग्रह लंबा चलेगा और बड़ी तादात में लोग भाग लेंगे | उन्होंने देश वासियों तक अपनी आवाज़ पहुँचाने के लिए अथक प्रयास भी किया और योग के जरिये सत्याग्रह का शुभारम्भ भी किया | इंतजाम करने में छोटी-मोटी कानून सम्बन्धी बातों की अनदेखी होना लाजिमी था | जो देश और देशवासियों के हित में है वह काम गलत नहीं है |

सरकार के आंख कान नहीं हैं क्या जो इतना नहीं समझ पाई की जनता पहले की अपेक्षा ज्यादा तादात में सत्याग्रह में भाग लेगी और मिडिया भी तो बता रहा था कि लाखों लोग भाग लेंगे |  सत्याग्रह को बलपूर्वक तोड कर सरकार ने जता दिया की वह भ्रष्टाचार के खिलाफ उठते आन्दोलन के विरुद्धहै | यू.पी.ए. की सरकार के लोगों का काला धन खतरे में है इसलिए बाबा रामदेव के सत्याग्रह को उन्होंने रात को छिन्न-भिन्न कर दिया | सरकार के इस घिनौने  कार्य की जीतनी भर्तस्ना की जाय वह कम है |

हर वह पार्टी जो देश हित में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रही है उसका स्वागत होना चाहिए | हर उस भारतीय का जो देश द्रोहियों को दंड देने की बात करता है उसका स्वागत होना चाहिए | भारतीय जनता पार्टी देश की एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसने देश हित में अधिकतर कार्य किये हैं | वह बाबा रामदेव के साथ आती है तो गलत क्या है ? ५ वर्षों के शासन में उसने वह कार्य करके दिखाया जो कांग्रेस स्वतंत्रता के बाद वर्षों के राज में नहीं की | आज जो विकास के कार्य हो रहें हैं उनकी शुरुआत भाजपा ने ही किया | अपना देश कांग्रेस के राज में IMF और दूसरों से भीख मांगता था | भाजपा ने यह बंद कराया और देश को स्वाबलंबी बनाने के पथ पर ले चली | दुर्भाग्य यह रहा की कांग्रेस ने पैसे (जो उसके नेताओं के स्विस खातों में थे और काफी कुछ विदेशो से आये) के बल पर भाजपा को मिडिया (जिसमे विदेशी कंपनियों का पैसा है) के जरिये बदनाम किया और जनता को गुमराह करके सत्ता हथिया ली और फिर पिछले चुनाव के दौरान भी इसी तरह से चुनाव जीता | कांग्रेस के आते ही भीख मांगने की परंपरा फिर चालू हो गयी और देश की संपत्तियों को विदेशी कंपनियों के हाथों में दे कर नेताओं ने पैसे बनाना फिर शुरू कर दिया है | भाजपा के राज में जो भ्रष्टाचार निर्मूल हो रहा था कांग्रेस के राज में फिर से तूल पकड़ने लगा और अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया है क्योंकि अगले चुनाव में फिर वोट खरीदने के लिए कांग्रेस के नेताओं को पैसे चाहिए और अपनी पैसे की हवस भी पूरी करनी है इस लिए बड़े बड़े घोटाले हो रहे है | चोरों की सरकार है |

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक ऐसा संगठन है जो देश हित का कार्य करता है पर वह काँग्रेस की आँखों का किरकिरी है क्योंकि उसके कार्यों से काँग्रेस का वोट-बैंक घटता है | यह संगठन भाजपा के साथ है इसलिए काँग्रेस उसे निर्मूल करने के लिए हर प्रयास करती है भले ही उस प्रयास से देश की बदनामी हो | काँग्रेस इस संगठन से इतना घबराती है की उसे आतंकवादी संगठन घोषित करने में जुट गयी है | काँग्रेस का यह कदम देश के इज्जत की धज्जियाँ उड़ा रहा है | कल को बाबा रामदेव को काँग्रेस आतंकवादी घोषित कर दे क्योंकि आर.एस.एस. बाबा का साथ दे रही है तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए |

देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ते आन्दोलन से कांग्रेस घबरा गयी है और उसे अपनी सत्ता और पैसा दोनों खतरे में दिखाई दे रहे हैं| इसलिए अब उसकी यूपीए सरकार अंग्रेजों की तरह दमनकारी रुख अपना रही है |  हम भारतीयों को भ्रष्टाचार के खिलाफ लंबी और कठिन लड़ाई के लिए तैयार हो जाना चाहिए | भ्रष्ट राजनेता अपनी स्विस बैंकों में जमा दौलत को आसानी से नहीं लाने देंगे और अपने को बचाने का हर संभव प्रयास करेंगे | वे नेता जो भ्रष्टाचार का पाठ पढने के लिए राजनीति में अभी-अभी कदम रखे हैं उन्हें सावधान होकर हट जाना चाहिए क्योंकि इस जंग में उनको नुकसान के सिवाय कुछ हासिल नहीं होने वाला| यह जंग तो जनता ही जीतेगी|

भारत माता की जय!

रामलीला मैदान में पुलिस कार्यवाही